Trump zelenskey meeting
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अगर आपका सवाल यह है कि क्या ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कोई माइंड गेम खेल रहे हैं, तो इसका जवाब उनकी बयानबाजी और रणनीति के आधार पर देखा जा सकता है।
Trump का रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर रुख
- रूस के प्रति झुकाव?
ट्रंप की पुतिन के प्रति दोस्ताना सोच पहले भी चर्चा में रही है। उन्होंने 2016 से 2020 तक रूस के खिलाफ सख्त कदम उठाने से परहेज किया था। हाल ही में उन्होंने कहा था कि अगर वे राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता। - युद्ध खत्म करने का दावा
ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो “24 घंटे में युद्ध खत्म कर देंगे”। हालांकि, उन्होंने कभी स्पष्ट रूप से नहीं बताया कि वे इसे कैसे करेंगे। - यूक्रेन को फंडिंग पर सवाल
ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के उस धड़े का समर्थन करते हैं जो यूक्रेन को अमेरिका से मिलने वाली सैन्य मदद पर सवाल उठाता है। वे कहते हैं कि अमेरिका को अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि विदेशी युद्धों में पैसा बहाना चाहिए। - नाटो (NATO) को कमजोर करने की कोशिश?
ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं तो वे उन नाटो देशों की मदद नहीं करेंगे जो अपनी सुरक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं करते। यह बयान रूस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
क्या यह माइंड गेम है?
- ट्रंप रूस और पुतिन के प्रति नरम रुख अपनाकर अमेरिका के अंदरूनी राजनीति में समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
- वे यूक्रेन को मिलने वाली मदद पर सवाल उठाकर अमेरिकी राष्ट्रवादियों को अपनी ओर खींचना चाहते हैं।
- उनकी बयानबाजी नाटो में फूट डाल सकती है, जिससे रूस को लाभ हो सकता है।
- वे “शक्तिशाली नेता” की छवि बनाए रखने के लिए यह दिखाना चाहते हैं कि अगर वे सत्ता में होते, तो युद्ध कभी नहीं होता।
निष्कर्ष:
ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कूटनीतिक माइंड गेम खेल रहे हैं। वे अमेरिका के अंदरूनी राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन क्या वे वास्तव में शांति चाहते हैं या रूस को फायदा पहुंचा रहे हैं? यह सवाल अभी भी बहस का विषय है।