operation sindur – ऑपरेशन सिन्दूर क्या है?
operation sindur- ऑपरेशन सिन्दूर क्या है
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ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई
7 मई 2025 — यह तारीख भारत के इतिहास में आतंक के विरुद्ध एक निर्णायक जवाब के रूप में दर्ज हो गई है। “ऑपरेशन सिंदूर” सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा नीति में एक नए युग की शुरुआत है।
पृष्ठभूमि: पहलगाम हमला और आक्रोश
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। देशभर में गुस्सा और शोक की लहर दौड़ गई। भारत को जवाब देना था — और वह आया, सटीक, योजनाबद्ध और शक्तिशाली।
ऑपरेशन सिंदूर: रणनीति और क्रियान्वयन
7 मई की सुबह 1:44 बजे, भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया। लगभग 23 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में राफेल लड़ाकू विमानों से SCALP और HAMMER मिसाइलें दागी गईं।
प्रमुख लक्ष्यों में शामिल थे:
जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय (बहावलपुर)
लश्कर-ए-तैयबा की प्रशिक्षण इकाइयाँ (मुरिदके)
हिज्बुल मुजाहिदीन के शिविर (कोटली, भिंबर, मुज़फ्फराबाद)
भारत का संदेश: आतंकवाद बर्दाश्त नहीं।
भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल आतंकवादियों के खिलाफ थी, किसी देश की जनता या सेना के विरुद्ध नहीं। यह “न्यायिक प्रतिशोध” था, जो वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
अमेरिका ने संयम की अपील करते हुए भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन दिया।
चीन ने चिंता जताई, लेकिन संतुलित बयान दिया।
संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की।
निष्कर्ष: आतंक के विरुद्ध एक नया संकल्प।
ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। यह ऑपरेशन न केवल आतंकवादियों के ढांचे को ध्वस्त करने वाला कदम था, बल्कि भारत की सैन्य रणनीति, तकनीकी क्षमताओं और राजनीतिक इच्छाशक्ति का भी सशक्त उदाहरण है।