मौत के बाद लाश का phone call (suspense thriller कहानी)

मौत के बाद लाश का phone call

 

मौत के बाद लाश का phone call (suspense thriller कहानी)

मौत के बाद लाश का phone call (suspense )

 

कहानी: “मौत के बाद आया फ़ोन कॉल”

 

भाग 1: अजीब कॉल

राहुल एक साधारण ऑफिस में काम करने वाला शख्स था। उसकी जिंदगी बिल्कुल सामान्य थी, जब तक कि उस रात का फ़ोन कॉल नहीं आया।

रात के ठीक 12 बजे उसके मोबाइल की घंटी बजी। स्क्रीन पर जो नाम चमक रहा था, उसे देखकर राहुल के हाथ कांपने लगे—”अजय कॉलिंग”।

राहुल के बचपन का दोस्त अजय, जो छह महीने पहले एक सड़क हादसे में मारा गया था।

मौत के बाद लाश का phone call 

धड़कन तेज़ हो गई। उसने काँपते हाथों से कॉल उठाया।

“राहुल… मदद कर… मुझे मार दिया गया है…”

फ़ोन कट गया।

 

भाग 2: रहस्य की शुरुआत

राहुल को रातभर नींद नहीं आई। सुबह होते ही वह अजय के घर गया। अजय की माँ अब भी ग़म में डूबी थी। उन्होंने कहा, “तुम्हें गलतफहमी हुई होगी, बेटा। अजय तो अब हमारे बीच नहीं है।”

 

लेकिन राहुल का मन नहीं माना। उसने अजय का पुराना फ़ोन नंबर ट्रेस करवाया। रिपोर्ट आई कि वह कॉल एक सुनसान इलाके से आई थी—जहाँ अजय का एक्सीडेंट हुआ था।

 

भाग 3: हादसा या हत्या?

राहुल उस जगह पहुँचा। वहां एक टूटी हुई सड़क और पास ही एक झील थी। तभी राहुल के फ़ोन पर फिर वही कॉल आया।

“राहुल… झील के नीचे… सच्चाई है…”

मौत के बाद लाश का phone call

झील? राहुल ने झील के किनारे खोजबीन शुरू कर दी। अचानक, उसे झील के पास मिट्टी में दबी एक डायरी मिली—अजय की डायरी।

 

भाग 4: डायरी का राज़

डायरी में लिखा था:

“अगर मुझे कुछ हो जाए, तो इसका जिम्मेदार मोहित है। उसने मेरे प्रोजेक्ट की चोरी की है और मुझे रास्ते से हटाना चाहता है।”

मौत के बाद लाश का phone call

राहुल को सब समझ आ गया। मोहित—अजय का ऑफिस कलीग, जो अजय की मौत के बाद उसकी जगह प्रमोट हो गया था।

 

भाग 5: आखिरी कॉल

राहुल ने पुलिस के साथ मिलकर मोहित को ट्रैप किया। पुलिस ने मोहित से जब सख्ती से पूछताछ की, तो उसने सच उगल दिया।

“हां, मैंने ही अजय को झील के पास धक्का दिया था। वो सब जान गया था। एक्सीडेंट तो सिर्फ एक दिखावा था।”

 

जैसे ही मोहित गिरफ्तार हुआ, राहुल के फ़ोन पर फिर से कॉल आया—”धन्यवाद, दोस्त… अब मैं शांति से जा सकता हूँ।”

 

इस बार कॉल कटने के बाद नंबर हमेशा के लिए डिस्कनेक्टेड दिखा।

 

अंत:

राहुल ने अजय के लिए इंसाफ दिलवाया, लेकिन एक सवाल हमेशा उसके दिल में रह गया—क्या आत्माओं को तब तक चैन नहीं मिलता, जब तक उन्हें इंसाफ ना मिले?

 

 

 

 

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