जादुई कलम Magik pen

जादुई कलम

जादुई कलम

जादुई  कलम

जादुई कलम रवि एक साधारण सा लड़का था, जो छोटे से गाँव में रहता था। उन्हें कहानियों का शौक तो बहुत था, लेकिन उनके पास अच्छी किताबें और कॉपी-पेन नहीं थे। वह अक्सर पुराने कागज़ों पर लकड़ी के टुकड़ों से बेचने की कोशिश करता था।

 

एक दिन, जब वह पुराने कागज ढूंढ रहा था, तो उसे अपने दादा की पुरानी अलमारी में एक चमचमाती हुई कलम मिल गई। यह कोई साधारण कलम नहीं था—यह जादूई कलाम था! जैसे ही रवि ने उनसे कुछ लिखा, उनकी लिखी बातें सच होने लगीं।

जादुई कलम

पहला चमत्कार

 

रवि ने मजाक में लिखा, “आज हमारे गांव में बारिश होगी।” और कुछ ही पलों में बादल घिर आये, हवा चली और बारिश शुरू हो गयी। गांव के लोग हैरान रह गए।

 

दूसरा चमत्कार

 

अब रवि को समझ आ गया कि ये कोई आम कला नहीं थी. उन्होंने अपनी मां के लिए लिखा, “घर में खाने के लिए सारा अनाज आ जाए।” अगले ही दिन एक बिजनेस आया और रवि के परिवार को मुफ्त में अनाज मिल गया।

 

परीक्षा का दिन

 

धीरे-धीरे-धीरे-धीर रवि लालच में आया। उसने खुद के लिए बड़ा घर, ढेर सारा पैसा और हर चीज हासिल करने की कोशिश की। लेकिन जैसे-जैसे वह अपनी पत्नी से काम लेता गया, कलम की चमक फीकी होती गई।

 

एक दिन उन्होंने लिखा, “मुझे राजा बना दो।” अंतिम कलम मुर्गियाँ लगी और उसकी सारी लिखी बातें खो गईं। उनका अनाज, नया घर और साड़ी प्लॉट भी चोरी हो गया।

 

रवि को समझ आ गया कि जादू-टोना का सही इस्तेमाल ही असली ताकत है। उन्होंने आख़िरी बार कलाम से लिखा, “मैं मेहनत और ईमानदारी चाहता हूँ।”

जादुई कलम

कलम की रोशनी फिर से चमक उठी और अब वह केवल अच्छे उपकरणों के लिए ही काम करती थी। रवि ने अपनी मेहनत से पढ़ाई की, एक बड़ा लेखक बनाया, और उनकी कहानियाँ दुनिया भर में मशहूर हो गईं।

जादुई कलम

शिक्षा

 

इस कहानी से हमें यह सिखाना है कि जादू से नहीं, मेहनत और ईमानदारी से ही वास्तविक सफलता मिलती है।

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