कोटा श्रीनिवास राव जिन्होंने मशहूर सिनेमा का चमकता सितारा, अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया

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कोटा श्रीनिवास राव जिन्होंने मशहूर सिनेमा का चमकता सितारा, अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया
कोटा श्रीनिवास राव जिन्होंने मशहूर सिनेमा का चमकता सितारा, अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया

कोटा श्रीनिवास राव जिन्होंने मशहूर सिनेमा का चमकता सितारा, अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया

कोटा श्रीनिवास राव: जिन्होंने मशहूर सिनेमा का चमकता सितारा, अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया
कोटा श्रीनिवास राव जिन्होंने मशहूर सिनेमा का चमकता सितारा, अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया

 

भारतीय सिनेमा में कुछ ऐसे होते हैं, जो नायक हों या खलनायक, अपने अभिनय और संवाद अदायगी से अभिनय पर जान डाल देते हैं। ऐसे ही महान अभिनेता थे कोटा श्रीनिवास राव, 750 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर भव्य सिनेमा को नई ऊंचाई पर लाया। 13 जुलाई 2025 को उनके निधन के साथ ही स्नातक फिल्म इंडस्ट्री ने एक महान कलाकार को खो दिया,प्रोग्राम की कमी कभी पूरी नहीं की जा सकी।

 

👶प्रारंभिक जीवन और संघर्ष

 

कोटा श्रीनिवास राव का जन्म 10 जुलाई 1942 को आंध्र प्रदेश की विजय यात्रा में हुआ था। उनके पिता एक डॉक्टर थे और कोटा से अपनी पढ़ाई विजय यात्रा और पूरी तरह से चेन्नई में की थी। उन्होंने थिएटर से अपने अभिनय की शुरुआत की। उनके पिता चाहते थे कि कोटा डॉक्टर रेस्टॉरेंट बने, लेकिन कोटा ने अपना व्यवसाय बनाने का निर्णय लिया।

 

शुरुआत में उन्होंने थिएटर में नाटकों के माध्यम से अभिनय किया। इसी दौरान उनके अभिनय की गहराई और संवाद अदायगी की शक्ति ने सभी का ध्यान खींचा।

 

🎥फिल्मी सितारों की शुरुआत

 

कोटा श्रीनिवास राव ने 1978 में फिल्म ‘प्रणा म खरीदु’ से फिल्मों में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने ‘रेपति पौरुलु’ और ‘मां भूमि’ जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं। 1980 और 1990 के दशक में उनका करियर स्वर्णिम समय था, जब उन्होंने लगातार हिट फिल्मों में अभिनय किया।

 

⭐ कोटा श्रीनिवास राव की हिट फिल्में

 

उनकी कुछ प्रमुख हिट फिल्में शामिल हैं:

 

✅ अहा ना पेलंता (1987) – इस फिल्म में उनके द्वारा निभाया गया कंजूस पिता ‘लक्ष्मीपति’ का किरदार आज भी दर्शकों को हंसाता है।

✅ शिवा (1989) – राम गोपाल वर्मा की इस क्राइम-ड्रामा फिल्म में उन्होंने स्वभाव का किरदार निभाया था, जिसमें उनकी खलनायकी की छवि मजबूत थी।

✅ गायम (1993)- इस फिल्म में उनके गंभीर और दमदार अभिनय को काफी जगह मिली।

✅ हेलो ब्रदर (1994) – इस कॉमेडी-एक्शन फिल्म में उनके कॉमिक और विलेन अंदाज ने दर्शकों को खूब भाया।

✅ अथाडु (2005) – महेश बाबू की इस फिल्म में कोटा ने सहायक की भूमिका जान डाल दी।

✅ बोम्मारिलु (2006) – इस फिल्म में भी वे एक यादगार किरदार थे।

✅ मनी, मनी मनी और अनगनगा ओका रोजू जैसी कॉमेडी फिल्मों में भी उन्होंने अपने किरदार का लोहा मनवाया।

✅ हिंदी सिनेमा में सरकार (2005) में अमिताभ बच्चन के साथ उनका रोल भी दर्शकों को याद रहेगा।

 

🏆पुरस्कार और सम्मान

 

कोटा श्रीनिवास राव ने 9 नंदी पुरस्कार जीते थे, जो आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिया गया सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार है।

 

2015 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया।

 

उन्होंने थिएटर और सिनेमा में अपने योगदान से कई मंचों पर सराहना हासिल की।

 

🗳 राजनीति में कदम

 

कोटा श्रीनिवास राव ने अभिनय के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय भागीदारी निभाई। वह 1999 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर विजय पूर्व सीट से नेता चुने गये। उनकी राजनीतिक भूमिका भी काफी सक्रिय और साफ-सुथरी है, लेकिन फिल्मों में उनका योगदान जनता की कहानियों में अमर है।

 

💰नेटवर्थ और संपत्ति

 

कोटा श्रीनिवास राव की नेटवर्थ की बात करें तो अलग-अलग मीडिया में चर्चा $2 मिलियन से $10 मिलियन (16 करोड़ से 80 करोड़ रुपये) के बीच होती है। उनकी फिल्मों से लेकर कमाई, संपत्ति और निवेश शामिल हैं।

 

💔 निधन

 

13 जुलाई 2025 को 83 वर्ष की आयु में कोटा श्रीनिवास राव का निधन हो गया। उन्होंने रेजिडेंट में अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद लंबे समय तक बीमार रहना पड़ा, और उनके निधन के बाद पूरी फिल्म जगत और फैंस में शोक की लहर दौड़ गई।

 

🌹कोटा श्रीनिवास राव की विरासत

 

कोटा श्रीनिवास राव ने हमें सिखाया कि केवल कैमरे के सामने अभिनय करना संवाद संवाद नहीं है, बल्कि आत्मा आवश्यक है। उन्होंने विलेन से लेकर कॉमिक रोल तक हर किरदार को जीवंत कर दिया।

 

उनके संवाद अदायगी, अभिनेता के भाव और अभिनय में गहराई ने उन्हें महानतम सिनेमा का अनमोल रत्न बना दिया। उनका योगदान तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और हिंदी सिनेमा में हमेशा याद रखा जाएगा।

 

🖋निष्कर्ष

 

कोटा श्रीनिवास राव का जीवन संघर्ष, मेहनत और विरासत की मिसाल है। उन्होंने छोटे से छोटे रोल में भी जान स्टूडियो के दर्शकों के दिल में जगह बनाई। उनका निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनकी फिल्में और उनके कलाकार हमेशा हमारे बीच जीवित रहे।

 

उनकी जीवन यात्रा ने हमें सिखाया है कि सात कलाकार होते हैं, जो हर कलाकार को अपने जीवन का हिस्सा बनाते हैं। कोटा श्रीनिवास राव की अदाकारी और उनके जीवन से हमें हमेशा के लिए प्रेरित करें।

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